तुम जिंदगी हो मोहब्बत हो जुनून हो ख्वाब हो रूह में बसने लगी हो बेतहाशा इश्क करने लगा हूं तुम्हें हमसफर बनाने का जुगाड़ करने लगा हूं
तुम शामिल मेरे ख्वाबों खयालों में हो हर वक्त मन के एहसासों में हो दीवानगी कुछ इस तरह बढ़ गई है अब अकेले गुजर संभव नहीं है
तिरछी नजरों से दिल चुराने लगी हो इशारों इशारों में अपना बनाने लगी हो कब तक खुलकर एक दूजे से इज़हार करने को तरसते रहेंगे हर धड़कन में समाने लगी हो अधूरी ख्वाहिशें में कब तक भटकते रहेंगे
अब किस्मत साथ देने लगी है वह ख्वाहिशों की तरह करीब होने लगी है अब हर तरफ खुशनुमा माहौल है ऐसा लगने लगा है हर कमी दूर हो जाएगी